महामृत्युंजय मंत्र। Mahamrityunjay mantra. महामृत्युंजय मंत्र का महत्व।
हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब लोग आशा करता हूं सब ठीक होगें। आज हम अपने ब्लॉग में महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बताएंगे। हम आपको बताएंगे किस तरह महामृत्युंजय मंत्र का उद्गम हुआ और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करने से मनुष्य के जीवन में किस तरह शांति का आगमन होता है और मनुष्य अकाल मृत्यु को भी इस मंत्र के उच्चारण से टाल सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र :-
।।ॐ हौं जूं सः,
ॐ भूर्भुवः स्वः।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।
ॐ स्वः भुवः भूः,
ॐ सः जूं हौं ॐ।।
Read Also:- कैसे बनें "Warren Buffett" इतने धनी [Zero से Hero - journey] in Hindi.
तो इसी तरफ महामृत्युंजय मंत्र दिया गया है इसका विधि विधान से यदि उच्चारण किया जाए तो अकाल मृत्यु का दोष हट जाता है। जैसा कि हमने बताया था। हम अपने इस ब्लॉक में महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बताने वाले हैं कि किस तरह इसका उच्चारण जीवन में शांति और सरलता से जीवन व्यतीत करने के लिए आवश्यक और कारगर सिद्ध होता है।
महामृत्युंजय मंत्र एक महामंत्र हैं जिसके द्वारा हम भगवान शिव की आराधना करते हैं। महामृत्युंजय मंत्र को संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है क्योंकि इस मंत्र के द्वारा मृत्यु को भी डाला जा सकता है यह मंत्र भगवान शिव के डमरु से उत्पन्न हुआ। महामृत्युंजय मंत्र बहुत प्रभावशाली मंत्र हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस मंत्र के उच्चारण से शरीर के चारों तरफ दैवीय शक्तियों का अद्भुत कवच बन जाता है। इस मंत्र के नियमित श्रवण व उच्चारण मात्र से अमंगल, दुर्घटना, दुर्भाग्य और विपत्तियां जैसी कठिनाईयां मानव से कोसों दूर रहती है।
Read Also:- What is Tranducer?
महामृत्युंजय मंत्र के निमित्त श्रवण का उच्चारण से जीवन में आई सारी कमियां कठिनाइयां दूर हो जाती है और जीवन में अपार सुख और शांति का वातावरण बना रहता है। इस मंत्र के द्वारा हम भगवान शिव की आराधना करते हैं और उनसे हम प्रार्थना करते हैं कि हमें इस जन्म मरण की माया जाल से मुक्त कर मोक्ष की तरफ ले जाए और हमारी आत्मा को मोक्ष प्रदान करें। यहां मंत्र मनुष्य को जन्म मरण के माया जाल से मुक्त कर उसकी आत्मा को परम शांति प्रदान कर मोक्ष दिलाने में मदद करता है। इस मंत्र के निमित्त उच्चारण से घर मे अशांति, क्लेश जैसी समस्याएं नहीं आती है। और घर में हमेशा शांति संतोष और परमात्मा का पास रहता है। और घर पवित्र और स्वर्ग की तरह लगता है।
।।ॐ हौं जूं सः,
ॐ भूर्भुवः स्वः।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।
ॐ स्वः भुवः भूः,
ॐ सः जूं हौं ॐ।।
इस तरह से इस मंत्र के निमित्त उच्चारण से हम अपने जीवन में शांति का वास कर सकते हैं और कलह क्लेश और अशांति जैसी कठिनाइयों से मुक्ति पा सकते हैं।




No comments:
Post a Comment